एक रिश्ता - बड़ा अनाम
सोचता हूँ दूं - उसे
कोई अच्छा सा नाम .
सावन सा उमड़ता -
...
घुमड़ता रीझता हो .
खिजाता हो - खीजता हो .
कोई ऐसी हो इस जहाँ में - ऐ दोस्त
जिसका दिल मेरे दर्द से -
बेतरह पसीजता हो .
जो लड़ सके दुनिया से -
मेरे एक मुस्कराहट के लिए
पलकें बिछा दे मेरी एक
हलकी सी आहट के लिए .
बहूत सोचा - पर मिला नहीं
ऐसा कोई नाम - इस जहाँ में
जिसे दे सकूं - एक पवित्र
रिश्ते - बंधन का नाम .
नजरें बार बार - दुनिया
का चक्कर लगा - चकरा जाती हैं
फिर फिर वापिस लौट के
आ जाती हैं .
उसे ढूँढता रहा मैं बाहर
पर वो तो छिपी - हुई थी
मेरे घर के भीतर ही - यार .
किसी से अब कुछ और - कहूं तो
मेरी बहूत हेठी हो सकती है -
सोचता हूँ - वो सिर्फ और
सिर्फ - कोई और नहीं
मेरी बहन हो सकती है !
खिजाता हो - खीजता हो .
कोई ऐसी हो इस जहाँ में - ऐ दोस्त
जिसका दिल मेरे दर्द से -
बेतरह पसीजता हो .
जो लड़ सके दुनिया से -
मेरे एक मुस्कराहट के लिए
पलकें बिछा दे मेरी एक
हलकी सी आहट के लिए .
बहूत सोचा - पर मिला नहीं
ऐसा कोई नाम - इस जहाँ में
जिसे दे सकूं - एक पवित्र
रिश्ते - बंधन का नाम .
नजरें बार बार - दुनिया
का चक्कर लगा - चकरा जाती हैं
फिर फिर वापिस लौट के
आ जाती हैं .
उसे ढूँढता रहा मैं बाहर
पर वो तो छिपी - हुई थी
मेरे घर के भीतर ही - यार .
किसी से अब कुछ और - कहूं तो
मेरी बहूत हेठी हो सकती है -
सोचता हूँ - वो सिर्फ और
सिर्फ - कोई और नहीं
मेरी बहन हो सकती है !
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