SARJANA CHATURVEDI

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Wednesday 18 July 2018

नेल्सन मंडेला - कड़े संघर्ष के साथ धैर्य की मिसाल


अफ्रीकी गांधी के रू प में पहचाने जाने वाले और रंग के आधार पर होने वाले भेदभाव को अफ्रीकी धरती से खत्म करने वाले नेल्सन मंडेला के व्यक्तित्व की पूरी दुनिया कायल है। वैसे तो उनका पूरा जीवन ही कड़े संघर्ष और कभी हार न मानने वाले दृढ़ व्यक्तित्व की मिसाल रहा है लेकिन उनके जीवन से जुड़े कुछ घटनाक्रम ऐसे हैं, जिनसे आम व्यक्ति भी सीख सकता है। आइए जानते हैं उनके जीवन से जुड़े ऐसे ही कुछ किस्से......
 शाही जिंदगी को छोड़ चुना कड़ा संघर्ष 
आजकल व्यक्ति अपने छोटे-छोटे लाभों के लिए अपने रास्ते और आदर्शों को बदलने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं जबकि कुछ बड़ा हासिल करना हो तो संघर्ष के लिए सदैव तैयार रहना होता है। नेल्सन मंडेला एक शाही परिवार में जन्में थे, यदि वे चाहते तो पूरा जीवन ऐशो-आराम में बीत सकता था लेकिन उन्होनें इसकी जगह 27 वर्ष के कारावास और एक लंबे संघर्ष का चुनाव किया।  २७ वर्षों के दौरान अनेक बार दक्षिण अफ्रीका की सरकार ने नेल्सन मंडेला से उन्हें रिहा करने का प्रस्ताव किया, परन्तु हर बार उन्होंने यह प्रस्ताव यह कहते हुए ठुकरा दिया कि अकेले मुझे आजाद करने से क्या  होगा? जब मेरे सारे देशवासी एक तरह की जेल में रह रहे हों तो अकेले मेरी आजादी का क्या मतलब? संभवत: अपने देशवासियों के प्रति उनकी यही प्रतिबद्धता थी जिसने मंडेला को मौत के बीच भी जिंदा रखा। 
सीख - कड़े संघर्ष से घबराएं नहीं कुछ बड़ा हासिल करना चाहते हैं, तो कुछ करने के लिए भी तत्पर रहें और निराश न हों। 
कड़वी यादों को भूलकर आगे बढ़ें 
दक्षिण अफ्रीका में काले और गोरे लोगों के बीच का भेद काफी गहरा था। हर कदम पर सिर्फ  रंग के कारण अश्वेत लोगों को अपमानित होना पड़ता था। इस ऐतिहासिक लड़ाई को लडऩे वाले नेल्सनमंडेला ने इन कड़वी यादों को छोड़कर आगे बढऩे वाला जीवन जिया। गोरे और काले लोगों के बीच इस लंबे संघर्ष के कारण पारस्परिक घृणा को समाप्त करना जरूरी था। इस मामले में मंडेला ने अत्यधिक मानवीय उदारता का परिचय दिया। उनका कहना था कि जब तक हम भूतकाल को भुलायेंगे नहीं, तब तक उज्जवल भविष्य का निर्माण संभव नहीं है। एक भव्य समारोह में नेल्सनमंडेला की राष्ट्रपति के रूप में शपथ होनी थी। समारोह में अनेक देशों के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राजा, महाराजा उपस्थित थे। इसी बीच मंडेला ने घोषणा की कि वे सभा का परिचय उनके दो महत्वपूर्ण मेहमानों से करवाएंगे। जिस समय कार्यक्रम स्थल अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों से भरा हो, वह भी ऐसे अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों से जो एक दूसरे को जानते हों, उस समय मंडेला का यह कहना कि वे अपने दो अत्यधिक महत्वपूर्ण मेहमानों से परिचय करवाएंगे, यह सुनना अजीब था। इसके बाद, अपने दोनों ओर खड़े दो गोरे सिपाहियों का परिचय कराते हुए मंडेला ने बताया कि ये दो व्यक्ति ही मेरे महत्वपूर्ण अतिथि हैं। मेरे जेल के दिनों में इन दोनों ने मुझे विभिन्न किस्म की यातनाएं दी थीं। मैं इस बात को जानता हूं कि इन्होंने स्वयं की पहल पर ऐसा नहीं किया था इसलिए मैं इन दोनों को आज क्षमा कर रहा हूं और इनके माध्यम से मैं उन तमाम गोरे लोगों को क्षमा कर रहा हूं जिन्होंने कभी न कभी इस देश के बहुसंख्यक निवासियों पर जुल्म किे ए थे। मैं चाहता हूं कि इस देश के समस्त मूल निवासी हमारे पूर्व गोरे शासकों को माफ कर दें। हम जानते हैं कि उन्हें हमारे बीच रहना है और इसलिए क्यों न हम मिल-जुलकर, अतीत को भुलाकर रहें। कड़वा इतिहास भुलाना ही उचित होता है।
सीख - अतीत में हुई पुरानी कड़वी यादों को भूलकर हमेशा आने वाले कल को बेहतर बनाने के लिए प्रयास करें और लोगों द्वारा कही जाने वाली बेकार की बातों को नजरअंदाज करना सीखें। 
वक्त के साथ खुद को बदलना जरूरी 
यदि आप किसी व्यक्ति के साथ अच्छा व्यवहार कर रहे हैं और उसके बाद भी वह आपके साथ गलत नीति अपनाए तो समय के अनुसार खुद को बदलना भी जरूरी होता है। नेल्सन मंडेला की पार्टी अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस पहले अहिंसात्मक रास्ते पर चल रही थी और शांतिपूर्ण ढंग से ही अश्वेत लोगों के अधिकारों के लिए लड़ रही थी लेकिन जब वहां की गोरी सरकार के बेगुनाह लोगों पर अत्याचार बढ़ गए तो नेल्सन और उनके साथियों ने भी हिंसा का रास्ता अख्तियार कर लिया। 
सीख - परिस्थितियों को देखकर उसके अनुसार निर्णय लें।